____________"माँ"___________
"माँ" तू मुझसे इतना क्यू प्यार करती है
दुआओं में भी मेरी फरियाद करती है
मेरी फ़िक्र और कोई ,क्यू नही करता
तू ही क्यू मेरी फ़िक्र, दिन रात करती है..
माँ तू हरवक्त मेरा इतना क्यू ख्याल रखती है
घर से निकलते ही तू लौटने की राह तकती है
माँ तेरा दिल किसी जलनिधि (सागर)से कम नही
ईश्वर से प्रार्थना में भी मेरी ख़ुशी की मांग करती है
माँ तू मुझसे इतना क्यू प्यार करती है.....
माँ तू भूखा होकर भी, मुझे भूखा क्यू नही रखती है
दुःखी होकर भी ,मुझे दुःखी क्यू नही करती है
मेरी परवाह और कोई,क्यू नही करता
तू ही क्यू मेरी परवाह ,दिन रात करती है..
माँ तू मुझसे इतना क्यू प्यार करती है
जो दुआओं में भी मेरी फरियाद करती है।
मेरा ज़िक्र
(शुभांक शुक्ला)
No comments:
Post a Comment