वो बोले "बेटा तुम पर एक रिपोर्ट दर्ज़ की गई है.
मैं बोला -कैसी रिपोर्ट?
उन्होंने बोला की तुमने अपने दोस्त को जातिसूचक शब्द से बुला लिया है और वो अपमानित हो गया है.इसलिए उसने रिपोर्ट दर्ज करवाई है.मैं ये सब सुनकर भौचक्का रह गया और बोला कि साहेब,ऐसा मैंने तो नहीं किया बल्कि मेरा वही दोस्त मुझे पंडित,पंडित ,पंडित .... मेरे जातिसूचक शब्द से बुलाता रहता है. तो इस स्थिति में मैंने तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई? तो DSP साहेब बोले " बेटा वो तुम्हे जातिसूचक शब्द से बुला सकता है लेकिन तुम नहीं,क्योंकि सरकार ने उनके लिए कानून बनाया है तुम्हारे लिए नहीं" मैंने थोड़ी असहज़ होकर बोला लेकिन साहेब- सरकार ने सबको समानता का अधिकार भी तो दिया फिर मेरे द्वारा जब जातिसूचक शब्द का उपयोग नहीं किया गया फिर भी मुझे थाने क्यों लाया गया है? वो बोले "बेटा भारत देश का अब यही कानून है" तो मैं भावुक होकर बोला- अच्छा साहेब मैं अपने पिता जी को फोन लगाना चाहता हूँ और वक़ील को बुलाना चाहता हूँ और बेल के लिए अप्लाई करना चाहता हूँ.क्योंकि UPSC का एग्जाम मेरे तीन दिन बाद हैं.
साहेब कुछ देर मेरी ओर देखते रहे और मुझे पूंछा कि क्या सच में तुम्हारा एग्जाम है?
मैंने बोला- मेरा एडमिट कार्ड आप इंटरनेट में देख सकते हैं.
तभी DSP साहेब कुछ देर सोचते रहे और पास खड़े कॉन्स्टेबल से बोले कि जिस लड़के ने इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है,उसे बुलाओ....
तभी पास खड़े कॉन्स्टेबल ने बोला-सर, शुभांक शुक्ला के जिस दोस्त ने इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है.उसका भी UPSC का एग्जाम तीन दिन बाद है.इसलिए वह रिपोर्ट लिखवाकर शहर से दूर एग्जाम देने के लिए चला गया है.
कॉन्स्टेबल की इस बात को सुनकर मुझे ज्यादा हैरानी नहीं हुई क्योंकि मुझे उसके एग्जाम का पहले से पता था लेकिन इस बात को सुनकर DSP साहेब अचंभित हो गए और गहरी दुविधा में फंस गए.
अब अगर मुझे वो एग्जाम देने के लिए छोड़ देगें तो कानून का अपमान होगा और अगर मुझे वो जाने नहीं देगें तो मेरी पूरी मेहनत बेकार चली जाएगी।
तभी मैंने गंभीरता से मायूस होकर पूंछा-साहेब,आप क्या सोच रहे हैं?
DSP साहेब के कुछ बोलने से पहले ही पास खड़े कॉन्स्टेबल ने हँसते हुए बोला- अब 6 महीने जेल without बेल.
इस बात को सुनकर साहेब का चेहरा थोड़ी उतर गया और वो मुझे दया के भाव से देखने लगे.
अब चूँकि मैं भी UPSC की तैयारी कर ही रहा था और कानून की पढाई भी की थी इसलिए मैं सब समझ गया और खुद को हारा हुआ महसूस करने लगा.
तभी कॉन्स्टेबल ने मेरे हाथों को जोर से पकड़ा और हवालात में बंद कर दिया.उसी हवालात में जहाँ मास्टर जी और पुजारी जी थे.
कुछ घंटो तक वो मुझे और मैं उन्हें देखता रहा.वो दोनों मुझसे सवाल करना चाहते थे लेकिन वो कुछ पूँछ नहीं पा रहे थे शायद इसलिए क्योंकि जो कभी मुझे ज्ञान दिया करते थे वो आज खुद को मुजरिम समझ रहे थे और जो कभी मंदिर में पुण्य का गुणगान किया करते थे आज वो खुद को पाप का भागीदार समझने लगे थे.मैंने हिम्मत करते हुए उन दोनों की आपबीती जानने की कोशिश कि तो पता चला की मास्टर जी ने किसी बच्चे को होमवर्क न करने की वजह से 10 मिनट क्लास के बाहर खड़ा कर दिया तो रिपोर्ट दर्ज होने के बाद वो खुद अंदर हो गए और पुजारी जी से जब पूंछा तो उन्होंने बताया कि अब क्या बताऊँ बेटा? पूजा के दौरान मैंने चप्पल बाहर उतारने के लिए कह दिया तो मेरे खिलाफ भी रिपोर्ट हो गई और मैं यहाँ पहुँच गया.
कुल मिलाकर अब हम तीनों को ज्ञात हो गया था कि 6 महीने यहीं रहना है इसलिए किसी भी तरह दिन काटना है. मैं अब हर दिन मास्टर जी के ज्ञान और पंडित जी के सुनाये गए भागवत कथा का अनुसरण करने लगा और 6 महीने किसी तरह हवालात में बिताया. 6 महीने बाद पता चला कि हम तीनों पूरी तरह से निर्दोष हैं और बाइज्जत हवालत के बाहर भेजा गया.और जिन्होंने हम तीनो के खिलाफ झूठी रिपोर्ट की थी उन पर मानहानि का केस लगाया गया लेकिन बाहर निकलने के बाद अब दुनिया पूरी तरह से अलग दिख रही थी मास्टर जी के यहाँ अब कोई पढ़ने नहीं आता था.जेल गए पुजारी जी की बजाय मंदिर में दूसरे पुजारी जी आ गए थे. और मै अपना ज़िक्र क्या करूं? मेरे आस-पास के लोग मुझे घूरने लगे थे। मुझे कचरे की तरह असामाजिक तत्व समझने लगे थे.समय बीतता गया और मैं 22 साल से 32 साल का हो गया लेकिन मेरी शादी के लिए एक भी रिश्ते नहीं आये क्योंकि मैं 6 महीने जेल में था और जाहिर सी बात है कोई भी पिता,अपनी बेटी की शादी जेल गए लड़के से किसी भी शर्त में नहीं करेगा। मैं सोचा अब अब शादी तो होगी नहीं कम से कम रोजगार ही मिल जाए इसलिए मैं कलेक्ट्रेट पहुंचा तो देखा जिसने मेरे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी आज वो साहेब कलेक्टर बन गए हैं इसलिए मैं उन्हें नमस्कार किया और बोला की साहेब अगर कहीं पर कोई सरकारी वैकंसी आए तो जरूर बताइयेगा।
नोट:2015 में NCRB की रिपोर्ट के अनुसार sc/st के कुल 15636 केस में 11024 केस झूठे पाए गए थे.
शुभांक शुक्ला
Bahut hi sacchi sacchayi h
ReplyDeletethank u anamaika.
Delete😊😊
Deleteइतना लंबा text लिखने में कितना time लगा भईया जी , मैं गहरी सोच में हूं , कि इसे reed करूं के यूपीएससी clear कर लूं afterall time तो दोनों में same ही लगना है ।
ReplyDeleteHHahahahah
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