Friday, 23 February 2018

‌घोटालों से दम तोड़ता "डिजिटल इंडिया"


हमारा देश वर्तमान समय मे सामाजिक,सांस्कृतिक और आर्थिक विकास के नये-नये आयामों को हासिल करके विश्वपटल में इतिहास बना रहा। विश्व बैंक की वैश्विक आर्थिक संभावनाओ के अनुसार वर्ष 2018 में भारत की विकास दर में वृद्धि के अनुमान लगाए जा रहे है। परन्तु देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक में करीब 11,500 करोड़ रुपये का महाघोटाला, विश्व बैंक के अनुमान को निराधार साबित कर सकता है। देश मे प्रत्येक दिन उजागर हो रहे घोटाले ,देश के विकास की नींव को कमजोर कर रहे है। पंजाब नेशनल बैंक में उजागर घोटाला,देश का कोई पहला घोटाला नही है अपितु इसके पहले भी शेयर बाज़ार के गुरु-चेले की जोड़ी कहे जाने वाले हर्षद मेहता और केतन पारेख ने 90 के शुरुआती दशक में 5000 करोड़ रुपये की चपत सरकार को लगाई थी। बैंको से ऋण लेकर और फर्जीवाड़ा करके घोटालो को अंजाम देने का सिलेबार क्रम लगातार बढ़ता रहा और हर्षद मेहता के बाद ललित मोदी द्वारा 7000 करोड़ रुपये का घोटाला और ललित मोदी के बाद विजय माल्या द्वारा 9400 करोड़ रुपये का घोटाला,देश की जनता के सामने उजागर हुआ। इन सभी घोटालो में बैंक के साथ-साथ भारत सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण चुनौती का विषय है कि 1992 में बैंको से ऋण लेकर फर्जीवाड़े की नींव रखे जाने वाला 5000 हज़ार करोड़ रुपये का घोटाला,2017 में विकास करके लगभग 11,500 करोड़ रुपये तक पहुँच जाता है लेकिन बैंक और भारत सरकार की आँखे नही खुलती है। देश मे जब भी कोई घोटाला उजागर होता है तो चारों तरफ राजनीतिक घमासान शुरू हो जाता है और पार्टियों द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर प्रारंभ हो जाता है। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में भी राजनीतिक युद्ध छिड़ गया है। दावोस में एक साथ नजर आते हुए PNB घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के साथ देश के प्रधानमंत्री की तस्वीर दिखाकर और PNB घोटाले के दूसरे आरोपी मेहुल चौकसी को देश के प्रधानमंत्री द्वारा "भाई जी" संबोधन करने पर कांग्रेस पार्टी नीरव मोदी,मेहुल चौकसे और प्रधानमंत्री के बीच मज़बूत रिश्ते को साबित करने में लग जाती है तो कभी केंद्र के शीर्ष में बैठी सत्तारुढ़ पार्टी इस विषय पर बहस करती है कि PNB घोटाला तब हुआ,जब 2011 में कांग्रेस का शासन था। सवालो के दौर में बैंको में भी सवाल उठता है की आम नागरिक अथवा किसानों द्वारा लगभग 1.5 लाख के ऋण न चुका पाने पर बैंक कर्मचारियों द्वारा किसानों के खेत,ट्रेक्टर व अन्य चीजें ज़ब्त करके किसानों को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है तो फिर देश के अमीरो को विश्वास के माध्यम से हज़ारो
करोड़ो का ऋण क्यों दे दिया जाता है? कुछ महीने पहले कि एक घटना है जब उत्तरप्रदेश के सीतापुर में किसान की मौत के बाद बैंक ने उसके 12 साल के बेटे को पिता द्वारा लिए कर्ज़ को जमा करने के लिए नोटिस भेज देता है तो फिर नीरव मोदी और मेहुल चौकसे के साथ 2011 मे ही कड़ी कार्यवाही क्यों नही की गई। बैंको द्वारा निष्पक्ष ऋण चुकाने की प्रक्रिया के कारण ही घोटालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि जिस दिन PNB घोटाला उजागर होता है उसके अगले दिन ही प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नीरव मोदी के विभिन्न स्थानों से लगभग 5100 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त कर ली है परंतु 8 नवंबर 2016 को जब नोटबंदी हुई थी तो भारतीय रिजर्व बैंक को पुराने नोटों की गिनती करने में लगभग एक साल लग गए थे तो फिर नीरव मोदी की ज़ब्त संपत्ति का हिसाब एक दिन में कैसे हो  सकता है? हमारे देश में बड़े-बड़े कारोबारी द्वारा  हज़ारो करोड़ रूपये का घोटाला करके विदेश चले जाना,भारत सरकार की असफलता को दर्शाता है।  लेकिन दो अहम सवाल है की  नीरव मोदी ने PNB के अलावा और कितने बैंको से लेटर ऑफ़ अंडर  टेकिंग लेकर फर्जीवाड़ा किया है  ? तथा दूसरा महत्वपूर्ण सवाल कि  विजय माल्या,ललित मोदी और नीरव मोदी द्वारा बैंको से कर्ज़ की भरपाई क्या देश की जनता द्वारा टैक्स के माध्यम से भरा जायेगा?
                                                                                                                                                                   ( शुभांक शुक्ला )

Wednesday, 14 February 2018


महाशिवरात्रि पर शिव के बोल....

आज महाशिवरात्रि का पर्व है। आज के दिन ही शिव-पार्वती के दांपत्य जीवन की शुरुआत हुई थी। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार दुनिया का प्रथम प्रेम विवाह शिव-पार्वती का हुआ था,जिन्होंने आज के शुभ दिन ही एक-दूसरे के प्रेम को दांपत्य बन्धनों के सूत्र में बांध दिया था।

कुछ दिन पूर्व मेरे द्वारा  " कलयुग बोल रहा..." नामक कविता लिखी गई थी जिसमे कलयुग का पाप, सत्य पर विजय पाने का प्रयास करता है। उसी कविता के दूसरे भाग में महाशिवरात्रि के शुभ-दिन मे शिव द्वारा स्वयं के सत्य का बखान किया जा रहा है।



पाप का सर्वनाश करके , पुण्य को बढ़ाता हूँ
इस धरा से दानव को ,वध करके मै भागता हूँ
है नही इस भूमी में ,जो कि मुझको ठग सके
सत्य के सच्चे भक्त को , हृदय से बुलाता हूँ
पुण्य को बढ़ाता हूँ , पुण्य को बढ़ाता हूँ

  जो क्रोध मुझको दिलाता है,उसके लिए काल हूँ
   जो प्रेम से बुलाता है , उसके लिए महाकाल हूँ
   भस्म को लपेटकर , हर-जगह मैं व्याप्त हूँ
 ॐ का मैं जापकर, ताँडव में बेमिसाल हूँ
मैं ही महाकाल हूँ, मैं ही महाकाल हूँ

   सबके ह्रदय में बसता हूँ, कण-कण में सवार हूँ
   नंदी मेरा है सारथी ,मैं उसका आधार हूँ
  मिल जाता उसको मैं, जो ह्रदय से है ढूढ़ता
    मुझसे ही ब्रम्हांड है, पूरे सृष्टि का मैं ही सार हूँ
कण-कण में मैं सवार हूँ, कण-कण में मैं सवार हूँ
                                                  

                                       शुभांक शुक्ला
                                      (मेरा ज़िक्र)
     







धांसू है रणबीर कपूर का एनिमल फिल्म में अवतार, बाप-बेटे की कहानी रोंगटे खड़े कर देगी

फिल्म एनिमल में रणबीर कपूर का अवतार धांसू है। यह 2023 की बड़ी फिल्मों में से एक साबित होगी। फिल्म का ट्रेलर काफी शानदार है और रणबीर कपूर का ...